जानिए बैद्यनाथ कुमारी आसव किन-किन बिमारियों में फायदेमंद है-baidyanath kumari asav ke fayde

baidyanath kumari asav ke fayde: बैधनाथ कुमारी आसव जिसे आमतौर पर कुमारी आसव भी कहा जाता है यह पाचन गुणों से युक्त दवा है, जिसका प्रयोग आयुर्वेद में लीवर एवं पाचन से सम्बंधित समस्याओं के उपचार में किया जाता है। कुमारी आसव पाचन से सम्बंधित विकारों के लिए एक लाभकारी औषधि है

इसका उपयोग  कई प्रकार के विमारियों के उपचार में किया जाता है, जैसे लीवर में सूजन, तिल्ली बढ़ना, कब्ज की समस्या, पाचन तंत्र कमजोर होना, खाया पिया ना लगना, पेट में गैस बनना, भूख ना लगना, खांसी, पथरी रोग, मूत्र बिकार और मासिक धर्म आदि। यह कई प्रकार की जड़ी बूटियों को मिलाकर आसव निर्माण विधि से बनाई जाती है। इसका प्रमुख घटक घृतकुमारी (एलोवेरा ) है, इसलिए इसे कुमारी आसव भी कहा जाता है। बाजार में यह विभिन्न कम्पनियों की मिलती है, जैसे बैधनाथ कुमारी आसव, पतंजलि कुमार्यासव, डाबर कुमार्यासव आदि।

baidyanath kumari asav ke fayde

पाचन तंत्र में सुधारbaidyanath kumari asav ke fayde

बैद्यनाथ कुमारी आसव, जिसे आमतौर पर ‘कुमारी आसव’ भी कहा जाता है, एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें एलोवेरा का रस प्रमुख रूप से प्रयुक्त होता है। इस आसव को लेने से शरीर को कई सारे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यदि किसी को पाचन से सम्बंधित समस्या है, जिसमे खाया हुआ खाना शरीर में नहीं लगता है, पेट में भारीपन रहता है, एसिडिटी की समयस्या रहती है, कुमारी आसव पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद करता है, और खाद्य पदार्थों का अच्छी तरह से पचाने में मदद करता  है।

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भूख को बढाता है

बैधनाथ कुमारी आसव भूख को बढ़ाने में  सहायक है। जिन लोगों को भूख नहीं लगाती है, और खाया पिया भोजन शरीर में नहीं लगता है तो वह कुमारी आसव का सेवन कर सकते हैं। कुमारी आसव पाचक एंजाइमों के सिक्रिसन को बढाता है, जिसके कारण भूख बढती है और खाया पिया भोजन शरीर में लगता है।

कब्ज से राहत

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जिन लोगों का पेट नियमित रूप से साफ नहीं होता है, और कब्ज की समस्या बनी रहती है, पेट में भारीपन रहता है, ऐसे लोग कुमारी आसव ले सकते हैं। इसके नियमित सेवन से आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकती है।

गैस और एसिडिटी कम करना

जिन लोगों को पेट में गैस, एसिडिटी, और जलन जैसी समस्या रहती है, उनके लिए बैधनाथ कुमारी आसव फायदेमंद हो सकता है। यह  पेट में गैस, एसिडिटी, और जलन को कम करने में मदद करता है। कुमारी आसव का उपयोग पेट के रोगों जैसे कि आमाशय विकार, गैस्ट्राइटिस, और अल्सर के इलाज में भी  किया  जा सकता है।

फैटी लीवर की समस्या 

लीवर हमारे पाचन तंत्र का एक महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसके खराब होने से शरीर में  कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।  खराब लाइफ स्टाइल और असंतुलित खान पान के कारण अक्सर हमारी लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जिसके कारण पाचन और पेट से संबंधित दूसरी अन्य समस्याएं होने लगती है कुमारी आसव लिवर की कार्यप्रणाली  को सही रखता है, और किसी प्रकार की समस्या  होने पर उसे  ठीक करने में मदद करता है।

रक्त शुद्धि और एनीमिया में सहायक

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जिन लोगों को रक्त अशुद्धि और एनीमिया जैसी समस्याएं है, वह  कुमारी आसव का सेवन कर सकते है। कुमारी आसव खून को साफ करने में मदद करता है, इसके साथ ही शरीर में खून की कमी को दूर करने में भी उपयोगी माना गया है।

मूत्र विकारों में सहायक

अगर आप मूत्र विकारों जैसे पेशाब करते समय दर्द व जलन होना, रुक रुक के पेशाब आना और बार बार पेशाब आना जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो कुमारी आसव के प्रयोग से आपकी यह समस्या समाप्त हो सकती है। इसके अलावा कुमारी आसव पथरी रोग में फायदेमंद होती है।

मासिक धर्म में सुधार 

कुमारी आसव महिलाओं के मासिक धर्म में रुकावट डालने वाले रोग में भी लाभदायक होती है। जिन महिलाओं को मासिक धर्म देरी से आने की समस्या है या पीरियड में अनियमितता है, उन महिलाओं को कुमारी आसव दवा का इस्तेमाल करना चाहिए। यह पीरियड सम्बन्धी समस्याओं को ठीक करने में कारगर हो सकता है।

सामग्री

घृत कुमारी (एलोवेरा) , सूनथ, पीपर, कालीमिरच, लवांग, दलचिनी, तेजपात्र, ऐलिची, नागकेशर, चित्रमूल, गजपीपल, हपुश, धनिया, लोधरा, कुटकी, नागरमोथा, हरद, बहेदा, आमला। रसना, देवदारू, हल्दी:: दारुहल्दी, मुलेथी, दंती जाद, पोहकरमूल, कौंच की जाद, गोखारू, सौंफ, अकरकर, अतीबाला, धाफूल, शहद, गुड़ आदि जड़ी बूटियों को मिलाकर कुमारी असाव तैयार किया जाता है।

कुमार्यासव का उपयोग कैसे करें?

15 से  30 ml. कुमारी आसव भोजन करने के बाद पानी के साथ  सुबह- शाम पानी के साथ लें।

इसका सेवन करने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श अवश्य लें।

कुमारी आसव सेवन की अवधि के दौरान जंक फूड जैसे  पैकिंग फूड, तले-भुने भोजन, मैदा वाले प्रोडक्ट के सेवन से बचें, क्योकि अधिकतर जंक फूड ही हमारे पेट की समस्याओं के कारण बनते है, इसलिए ज्यादातर अपने घर का ही भोजन खाए और बाहर के खाने से बचें या कम से कम खायें।

सावधानियाँ और सुझाव

  1. कुमारी आसव का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें, खासकर गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाएं और बच्चे।
  2. सही मात्रा में और सही तरीके से कुमारी आसव का उपयोग करें, जैसा कि आयुर्वेदिक चिकित्सक बतायें।
  3. यदि किसी को कुमारी आसव से कोई साइड इफेक्ट्स या एलर्जी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  4. कुमारी आसव एक आयुर्वेदिक दवा है जो स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है। इसे सही तरीके से और सही मात्रा में उपयोग करके, आप अपनी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

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कुमार्यासव के क्या लाभ हैं?

कुमार्यासव का उपयोग  कई प्रकार के विमारियों के उपचार में किया जाता है, जैसे लीवर में सूजन, तिल्ली बढ़ना, कब्ज की समस्या, पाचन तंत्र कमजोर होना खाया पिया ना लगना, पेट में गैस बनना, भूख ना लगना, खांसी, पथरी रोग, मूत्र बिकार और मासिक धर्म आदि।

क्या कुमार्यसव कब्ज के लिए अच्छा है?

जिन लोगों का पेट नियमित रूप से साफ नहीं होता है, और कब्ज की समस्या बनी रहती है, पेट में भारीपन रहता है, ऐसे लोग कुमारी आसव ले सकते हैं। कुमार्यसव के नियमित सेवन से आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकती है।

कुमारी आसव पीने से क्या फायदा होता है?

कुमारी आसव पीने से पेट और लीवर से जुडी बिमारियों में फायदा होता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या, एसिडिटी, फैटी लीवर, पीरियड सम्बन्धी समस्या और एनेमिया जैसे समस्याओं से छुटकारा मिलती है।

कुमार्यासव का उपयोग कैसे करें?

15 से  30 ml. कुमारी आसवभोजन करने के बाद पानी के साथ  सुबह- शाम पानी के साथ लें।
इसका सेवन करने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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