तनाव और थकान से छुटकारा पाएं, कपालभाति प्राणायाम को अपनाएं-kapalbhati ke fayde

दोस्तों! आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि कपालभाति प्राणायाम कैसे करें और kapalbhati ke fayde क्या हैं। इस लेख में हम इसके विभिन्न लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। कपालभति प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने का एक लाभकारी योग क्रिया है। प्राणायाम के नियमित अभ्यास से न केवल शरीर, बल्कि मानसिक सेहत भी दुरुस्त रहती है। प्राणायाम शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए लाभदायक है।

कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। जैसे अलग अलग दवाएं अलग अलग बीमारियों से छुटकारा दिलाती हैं, वैसे ही अलग-अलग योगासन कई बीमारियों से बचाते हैं। प्राणायाम शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। हार्मोन्स को संतुलित रखने, रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने और शारीरिक समन्वय को बेहतर बनाने में कई तरह के प्राणायाम के अभ्यास को लाभदायक माना जाता है।

कपालभाति प्राणायाम क्या है

कपालभाति संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- ‘कपाल’ और ‘भाति’ जिसमे कपाल का अर्थ है ‘माथा’ और भाति का अर्थ है ‘चमक’ इस प्रकार कपालभाति का शाब्दिक अर्थ होता है ‘माथे की चमक’। अर्थात यह प्राणायाम हमारे शरीर के अशुद्धियों को बाहर निकालकर  मस्तिष्क और शरीर को शुद्ध करने में सहायक होता है।

कपाल भाति की प्रक्रिया में साँस को तेजी के साथ छोड़ने और धीरे-धीरे साँस लेने का अभ्यास किया जाता है इस प्रक्रिया में साँस लेने और छोड़ते समय का पेट की मांसपेशियों का भी सहारा लिया जाता है।

कपालभाति प्राणायाम के फायदे (kapalbhati ke fayde)

पाचन तंत्र मजबूत होता है

कपालभाति का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है, क्योंकि इस प्राणायाम के दौरान पेट की मांसपेशियों का सक्रिय रूप से उपयोग होता है, जिससे पाचन अंग उत्तेजित और सक्रिय होते हैं। इस प्रकार पाचक अंगो का भी अभ्यास हो जाता है जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है। कपालभाति के नियमित अभ्यास से कब्ज,गैस, और एसिडिटी जैसी पेट की समस्याओं से राहत मिलती है।

वजन घटाने में सहायक

जिन लोगों का वजन बढ़ा हुआ है और उसे कम करना चाहते हैं तो इसमें कपालभाति आपके फायदेमंद हो सकता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम होती है और इस प्रकार शरीर के वजन में कमी आती है। 

तनाव और चिंता को कम करे

कपालभाति प्राणायाम आपके तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह प्राणायाम मस्तिष्क को शांत रखता है, इससे मानसिक स्थिति में सुधार होता है और आप पहले अधिक शांति और संतुलन महसूस करते हैं।

चेहरे की चमक बढ़ती है

कपालभाति का नियमित अभ्यास करने से चेहरे चमक आती है और आप खिला हुआ रहता है क्योंकि कपालभाति करने से शरीर से अशुद्धियाँ बाहर निकल जाती हैं और शरीर में सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में शुद अक्सीजन और रक्त मिलतता है। 

रक्त संचार बेहतर होता है

कपालभाति करने से हमारे शरीर रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे हमारे शरीर के सभी अंगों को प्रयाप्त मात्रा में शुद्ध रक्त और  आक्सीजन मिल पाती है। इसके नियमित अभ्यास से ह्रदय स्वास्थ भी बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। 

दिमाग एकाग्र और सक्रिय रहता है

कपालभाति के नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति सकती बढ़ती है। कपालभाति प्राणायाम मस्तिष्क में शुद्ध अक्सीजन की प्रवाह को बढाता है जिससे दिमाग की क्षमता बेहतर होती है और मन की एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।

इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

कपालभाति प्राणायाम करने से हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। यह प्राणायाम शरीर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होती है। इसके नियमित अभ्यास से हमारे शरीर में बिमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।

कपालभाति प्राणायाम प्रतिदिन करने से हमारा गला साफ रहता है और गले से सम्बंधित समस्या दूर रहती है। कपालभाति प्राणायाम रोजाना करने से साइनस और बार-बार सर्दी जुखाम से आराम  मिलता है।

अध्यात्मिक विकास होता है

नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम करने से आध्यात्मिक विकास होता है। कपालभाति प्राणायाम मन को शांत रखता है और अंतर्दृष्टि का विकास करता है। इससे अध्यात्मिक जागरूकता बढती है जिससे आत्म-साक्षात्कार की अग्रसर होने मदद मिलती है। कपालभाति का नियमित अभ्यास करना हमें संतुलन, सकारात्मक ऊर्जा, और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इससे हमें एक संतुलित और खुशहाल जीवन जीने की ओर अग्रसर होने में मदद मिलती है।

फेफड़े मजबूत होते हैं

कपालभाति प्राणायाम के नियमित अभ्यास से फेफड़े मजबूत होते हैं, साथ ही उनके कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है और फेफड़ो की आयु में भी वृद्धि होती है। कपालभाति करने से श्वास नियंत्रण करने की क्षमता में वृद्धि होती है।

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कपालभाति करने का सही तरीका

  • कपालभाति प्राणायाम करने से पहले आपको ध्यान रहे की आपके कपड़े ढीले हो, रीढ़ की हड्डी सीधी हो, शरीर शांत अवस्था में हो  और सुखासन में आपको आराम से बैठ जाना है, और कोशिश कीजिए की आप ये प्राणायाम खुले स्थान पर करें ताकि आपको ज्यादा शुद्ध और ज्यादा ऑक्सीजन मिल सके।
  • अब आप अपने हाथों को आराम से घुटनों पर रखें और आंख बंद करेंगे, चेहरे पर चमक रखे, फिर एक लंबी गहरी साँस अंदर लें। 
  • फिर इसके बाद साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे।
  • दो या तीन सेकंड का बीच में गैप लें।
  • जब आप पेट से वायु बाहर निकालते है तो पेट की मांसपेशियां अंदर आएगी, क्योकि जैसे आपने बलून को देखा है, उसमें जब हवा भरते हैं तो वह फैलता है और जब हवा बाहर निकलती है तो अंदर की तरफ सिकुड़ता है, तो इसी प्रकार जब आप सांस को बाहर निकालेंगे तो आपका पेट झटके से अंदर जाना चाहिए। अब यही चीज़ जब बार-बार होगी तो हमारा पेट आगे पीछे-आगे पीछे होता रहेगा।
  • अब आपको यह बात ध्यान रखना है, की कपालभति करते समय आपका सीना नीचे नहीं झुका होना चाहिए, बल्कि सीधा तना होना और शरीर सीधा होना चाहिए। कुछ लोग आंखें बंद करते हैं, कंदा नीचे की तरफ झुक जाता है शरीर सिकुड़ जाता है।
  • कपालभाति प्राणायाम करते समय आपको तनाव में नहीं रहना है, बल्कि आपको प्राणायाम करते समय तनावमुक्त और शांत मुद्रा में रहना है। इसे करते समय आप अपना ध्यान पेट के ऊपर और साँस को अन्दर बाहर छोड़ने में रखिये।

सावधानियां 

किसी भी योग क्रिया को करने से पहले हमें ध्यान देने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें होती हैं। इसमें ध्यान देना है की जिनको अस्थमा की कोई समस्या है, बीपी की बहुत ज्यादा दिक्कत है, जिनको हार्ट की प्रॉब्लम है और गर्भवती महिला को कपालभति नहीं करना चाहिए । कपालभाति के दौरान उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था, या किसी भी गंभीर रोग के लिए सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप किसी योगा स्पेसिलिस्ट से सलाह ले सकते है।

निष्कर्ष

  •  कपालभाति को नियमित रूप से अपनाकर आप अपने शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ, सकारात्मक जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
  • कपालभाति का नियमित अभ्यास करना आपको संतुलन, सकारात्मक ऊर्जा, और अच्छे स्वास्थ्य की दिशा में मदद कर सकता है। यह हमें एक संतुलित और खुशहाल जीवन की दिशा में आगे बढ़ने में सहायक हो सकता है।
  • कपालभाति एक साधना है जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक हो सकती है। इसे धीरे-धीरे सीखने और अपनाने के लिए ध्यानपूर्वक एक प्रशिक्षित योग आचार्य से संपर्क करें।

FAQ-Related to kapalbhati ke fayde

कपालभाति करने से कौन कौन से रोग ठीक होते हैं?

कपालभाति प्राणायाम रोजाना करने से साइनस और बार-बार सर्दी जुखाम से आराम मिलता है। कपालभाति प्राणायाम मन की एकाग्रता को बढाता और इसके  नियमित अभ्यास से स्मरण सकती बढ़ती है और दिमाग तेज होता है।

कपालभाति कितने मिनट तक करना चाहिए?

जो लोग कपालभाति करने के सुरुवाती अवस्था में हैं ऐसे लोगों को 5 मिनट तक कपालभति कर सकते है और जो लोग पहले से कपालभाति करते आ रहे हैं वह 20-25 मिनट तक कपालभाति कर सकते हैं।

कपालभाती के अभ्यास से क्या लाभ मिलता है?

कपालभाति के कई स्वास्थ लाभ हैं। कपालभाति का नियमित अभ्यास करने से हम शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। कपालभाति प्राणायाम करने से श्वास नियंत्रण करने की क्षमता में वृद्धि होती है जिससे फेफड़े मजबूत और स्वस्थ रहते हैं। स्मरण शक्ति बढती है।

कपालभाती में शरीर के कौन से भाग पर असर होता है?

कपालभाति करने मुख्यता हमारे शरीर के फेफड़े और मष्तिस्क पर असर पड़ता है।

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